कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है - Computer kitne prakar ke hote hain

कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है  

कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है - Computer kitne prakar ke hote hain
कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है - Computer kitne prakar ke hote hain

वास्तव में Electronic Computer विज्ञान 70 वर्षों से अधिक प्राचीन नहीं है | इसका वास्तविक फैलाव बीसवीं सदी के अंतिम तीन दशकों में हुआ है जिस दिन से मनुष्य में बढ़ती आबादी और कार्य व्यापार के दबाव में आकर उंगलियों से ज्यादा कुशल गणना विधि की आवश्यकता महसूस की उसी दिन से शायद आधुनिक युग के कंप्यूटर की खोज प्रारंभ हो गई थी इस आवश्यकता और उसकी पूर्ति के लिए बनाए गए Computer की खोज का इतिहास वास्तव में बहुत पुराना और अत्यंत दिलचस्प है |

Computer ke Prakar in Hindi (कंप्यूटर के प्रकार)

भारत में ईसा के 6000 वर्ष पूर्व वैदिक विचारों की रचना की गई जिसमें विश्व में पहली बार दार्शनिक अंकित प्रणाली का वर्णन पाया जाता है इतिहासकारों के अनुसार विश्व का पहला गणक यंत्र बेबीलोन और टिग्रिश सुफातिस नदियों के किनारे बसे मानव सभ्यताओं के पास ईसा पूर्व सन 3200 में पाया गया था यह सरल यंत्र भट्टी के पके मिट्टी के गोल टुकड़ों के बीच छेद कर और उन्हें लकड़ी की सलाइयों  में डालकर बनाया जाता था और इसी से घटाने जोड़ने की विधि ईजाद हुई चीन और जापान में लगभग 2600 पूर्व में ऐसे ही यंत्र का उपयोग किए जाने के सबूत मिले हैं |


इसे अबाकस कहते थे जापान में इसे सागवान कहा जाता था आज भी यंत्र कई खिलौनों की दुकानों में जोड़ने घटाने की विधि समझाने के लिए बच्चों के खिलौनों के रूप में दिखाई दे जाता है इसके बाद के विकास में भारत के गड़तिज्ञो का विशेष योगदान रहा है यह योगदान था 0 वा दसमलब के अविष्कार के रूप में बाद के सारे कंप्यूटर के विकास को इस अविष्कार का लाभ मिला |
Computer ke Prakar in Hindi (कंप्यूटर के प्रकार)
Abacus

सन 1642 से 1860 तक की वर्ष यूरोपीय देशों में प्रारंभिक कंप्यूटरों के विकास के माने जा सकते हैं सन 1642 में फ्रांसीसी गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने पहला यांत्रकीय केलकुलेटर बनाया जिसे जोड़ना गटाना और गुड़ा भाग करना संभव था | आज कल का यह केलकुलेटर पीतल के गियर तथा चक्र से बना था और एक छोटे सिगार रखने के डिब्बे में आ सकता था पर इस केलकुलेटर के पीतल के चक्र एक दूसरे में फस जाया करते थे और इसलिए यह व्यापारिक क्षेत्रों में कम सफल रहा हालांकि इसमें पास्कल के पिता की टैक्स गणना में खूब सहायता की|

Computer ke Prakar in Hindi (कंप्यूटर के प्रकार)
Pascal's calculator

सन 1671 में जर्मन तत्बबेत्ता गोटफ्रोड विल्हेम्स  ने पास्कल के यंत्र के दोषों को दूर करते हुए एक और यंत्र बनाया जिससे जोड़ना घटाना सरल हुआ बार बार जोड़ने घटाने से गुणा भाग संभव था |

Inference engine

Charles Babbage को गड़नाओ में बहुत दिलचस्पी थी अपने समय की सीमाओं और कारीगरी के सहयोग के बावजूद उन्होंने 1822 में एक कंप्यूटिंग मशीन डिफरेंस इंजन का निर्माण किया जिस के उपयोग में लॉग्थिम टेबल की घटना की जा सकती थी

कंप्यूटर का इतिहास | History of Computer in Hindi
Inference engine

इसके सफल उपयोग के पश्चात 1933 में बैबेज ने एक बार फिर नई एवं उन्नत मशीन के निर्माण की योजना बनाई और एनालिटिकल इंजन के निर्माण में जुट गए |

कंप्यूटर का इतिहास | History of Computer in Hindi
Analytical Engine

बैबेज द्वारा निर्मित यह Analytical Engine ही वह मशीन है जो आगे चलकर कंप्यूटर की संरचना का आधार बनी | बैबेज ने सैद्धांतिक तौर पर जिस मशीन की परिकल्पना की थी उसे भी प्रायोगिक कठिनाइयों  के कारण उस समय पूरी तौर पर निर्मित नहीं कर सके | फिर भी वह मशीन 60 जोड़  प्रति मिनट करने में सक्षम थी इसके महत्वपूर्ण है से ही आज के Computer के विभिन्न विभागों की आधारशिला है | 

Computer ki Visheshta | कम्प्यूटर की विशेषता

1. इनपुट प्रभाव जो मशीन के भीतर के भागों तथा आदेशों को पहुंचाने का कार्य करता था |

2. विष्णु प्रभाव जिसमें नंबर को सुरक्षित रखा जा सके और जहां से उन्हें समय पर उपलब्ध कराया जा सके |

3. अर्थमैटिक या मिल प्रभाग इस प्रभाव में स्टोर में उपलब्ध अंकों के आधार पर गणना की जाती थी यह घटनाएं पहियों एवं गियर के घूमने की प्रक्रिया से की जाती थी |

4. कंट्रोल प्रभाव जो इस बात का निर्धारण करता था कि समस्त घटनाएं सही क्रम में और बिना गड़बड़ी के चल सके नियंत्रण भी पहियों और गियर के एक श्रंखला के आधार पर किया जाता था |

5. आउटपुट प्रभाग जो गणना द्वारा प्राप्त परिणामों को दर्शाने का काम करता था |

यह सभी भाग आज के आधुनिक कंप्यूटरों से पूर्णता मेल खाते हैं स्टोर मिल और कंट्रोल की मिली-जुली यूनिट को आज के कंप्यूटर में केंद्रीय संगढना  प्रभाग या CPU कहा जाता है | इनपुट और आउटपुट प्रभाव जो क्रमशः सूचना को अंदर ले जाने और गणना के बाद परिणाम को दर्शाने का कार्य करते हैं|

Father of Computer in Hindi | कंप्यूटर के पितामाह

Charles Babbage ने अपने जमाने से बहुत आगे का काम कर लिया था | यद्यपि तत्कालीन समाज सरकार से उन्हें कोई सहयोग प्राप्त नहीं हुआ उन्होंने अपने प्रयत्नों से आधुनिक कंप्यूटर की बुनियाद रखी इसलिए उन्हें सम्मान से कंप्यूटर का पितामा (Father of The Computers) कहा जाता है


कंप्यूटर का इतिहास | History of Computer in Hindi

          Charles Babbage

Electronic Numerical Integrator And Computer

1945 में युद्ध समाप्त होने के पश्चात भी Computer के विकास की गति बनी रही 1946 में एकार्ट जॉन मोचली तथा 50 वैज्ञानिकों के एक दल ने पेंसिलवेनिया के नूर स्कूल में विश्व का पहला डिजिटल Electronic Computer  [Electronic Numerical Integrator And Computer]तैयार किया यह लगभग 15000 वर्ग फुट की जगह लेने वाला यह कंप्यूटर दो मन्जिओ की ऊंचाई वाला और 30 टन वजन का था | यह एक सेकंड में 357 गुड़ा कर सकता था |और इस पर $500000 खर्च हुए थे |

कंप्यूटर का इतिहास | History of Computer in Hindi
Electronic Numerical Integrator And Computer

इस कंप्यूटर का पहला काम सैनिक मिसाइलों के पद की गणना करना था |

सन 1947 में अमेरिका में बैल लेबोरेटिज मैं कार्यरत वैज्ञानिक विलियम सोकले जॉन बर्रदीन और वाल्टर ब्रिटेन में एक क्रांतिकारी आविष्कार किया जिसने बॉल्ब की  छुट्टी कर दी | इसे  ट्रांजिस्टर का नाम दिया इसी वर्ष ग्रेस हॉपर ने अपने दस्तावेजों मैं पहले Computer बाग शब्द को प्रयुक्त किया|

मार्क Computer के डिब्बे में एक तितली चले जाने से सर्किट में कुछ आंतरिक खराबी आ गई थी | ग्रेश ने इसे अपनी  दैनंदिनी रिपोर्ट में चिपका दिया उसी दिन से Computer की शब्दावली में Debugging नमक शब्द चल पड़ा जिसका मतलब किसी भी कंप्यूटर में पाए जाने वाले दोषो को  निकालना है |

ट्रांजिस्टर के अविष्कारक के बाद तो कंप्यूटर के विकास की गति में तेजी से बृद्धि हुई 50 के दशक से आज तक के विकास सभी आयामों को इस अध्ययन में समावेशित करना असंभव है | 1970 के पश्चात तो लगभग हर माह  कंप्यूटर से संबंधित कोई ना कोई अविष्कार हुआ है | जो 1985 आते-आते प्रत्येक दिन में परिवर्तित हो गया 

Rohit kushwah

Hello Dosto, Hamare Blog Par Apka Swagat Hai. Mera Name Rohit kushwah Hai Or Ye Computerhindi.in Mera Blog Hai. Hmare Blog Par Apko "Computer" Se Judi Sabhi Jankari Hindi Me Di Jayedi.

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